Computer generation information in hind, कंप्यूटर जनरेशन क्या होता है. इसके फायदे क्या है? जाने computer generation in hindi मे पूरी जानकारी।
Generation of computer in Hindi – क्या आप भी कंप्यूटर जनरेशन क़े बारे मे जानने क़े लिए गूगल पर सर्च कर रहे है। तों आप सही जगह पर है। यहाँ आज हम आपको बताएँगे की कंप्यूटर जनरेशन क्या है, और इसके फायदे क्या है।
आप computer generation hindi क़े बारे मे अच्छे से जानने क़े लिए इस लेख को ध्यान से पढ़े। इस पुरे लेख को पढ़ने क़े बाद आपको कंप्यूटर जनरेशन क़े बारे मे अच्छे से समझ मे आ जायेगा।
तों चलिए शुरू करते है और जानते है। Computer generation kya hota hai in hindi.
आज की डिजिटल दुनिया मे सबसे अहम् योगदान कंप्यूटर का है। क्योंकि आज जो हम डिजिटल लाइफ जो जी रहे है वह कंप्यूटर क़े बिना नामुमकिन था।
पर computer बनाने वाले ने भी पहले सोचा नहीं होगा की कंप्यूटर दुनिया भर मे इतना पॉपुलर हो जायगा।
लेकिन कहा जाता है न की आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है। यें बात computer पर बिल्कुल सही बैठती है।
क्योंकि जब computer बनाया गया तों इसका काम केवल गणना करना था। पर अब यह यही तक सिमित न रहकर कई सारे कठिन कार्यों को करने मे भी सक्षम है। जो कंप्यूटर के बिना असंभव था।
कंप्यूटर आज हमारे जीवन क़े बहुत से कामों को काफ़ी आसान बना दिए। अब कंप्यूटर क़े बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। क्योंकि आज हम सब इसी पर निर्भर हो चुके है।
परन्तु क्या आप जानते है एक कंप्यूटर मे बहुत टेक्निकल चीजे शामिल होती है। और उसे बेहतर करने क़े लिए लगातार रिसर्च जारी रहते है। उन सभी टेक्निकल चीजों मे एक है कप्यूटर जनरेशन।
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Computer generation information in hindi.
दोस्तों एक कहावत आप सब ने सुनी होंगी की “परिवर्तन ही संसार का नियम है। ” और यें हमारे जीवन मे लागु भी होते है। तथा कम्प्यूटर पर भी क्योंकि दुनिया मे समय क़े साथ चीजे हमेशा बदलती रहती है। यह बदलाव ही काफ़ी अहम होते है।
Computer generation information – कंप्यूटर जेनरेशन computer मे होने वाले महत्वपूर्ण टेक्निकल बदलाव पर आधारित होते है। जो समय क़े साथ बदलते रहते है। यही कंप्यूटर मे हुए बड़ी चेंजस को computer generation ya पीढ़ी क़े नाम से जाना जाता है।
Computer generation की शुरुआत सन 1940 से हुई। और इसकी हर एक पीढ़ी मे कुछ न कुछ महत्वपूर्ण टेक्निकल विकास किये गए।
पहले कंप्यूटर आकार मे काफ़ी बड़े होते थे। जो कम्प्यूटर की पीढ़ियां विकसित होने क़े बाद इनके आकार भी छोटे होते गए। और कंप्यूटर computers कम्पनियाँ भी इसमें कई सारे और बदलाव किये।
जैसे – कंप्यूटर का आकार छोटा करना, तेज गति, इंटरनेट का इस्तेमाल करना आदि जहाँ computer first generation से शुरू होकर आज 12th generation of computer मार्केट मे दस्तक देने वाले है।
इतने ज्यादा कंप्यूटर मे होने वाले बदलाव से लगता है की वह दिन दूर नहीं जब हर कोई आपने पैकट मे कंप्यूटर लेकर घूम पायेगा।
मुझे उम्मीद है की अब आप Computer generation information kya hota hai in hindi मे अच्छे से समझ चुके होंगे। अब इसके बारे मे विस्तार से जानते है। कब और क्या बड़े चेंजस हुए कंप्यूटर जनरेशन क़े साथ मे। कंप्यूटर पीढ़ी को पांच वर्गो मे बता गया है। आइये निचे जानते है
फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर इन हिन्दी
दोस्तों फर्स्ट जनरेशन कंप्यूटर सन 1946 से 1956 तक क़े कंप्यूटरो को लिया गया है। प्रथम पीढ़ी क़े कंप्यूटर मे वैक्यूम ट्यूब ( Vacuum tube) का प्रयोग किया गया था। पर इसका अविष्कार सन सन 1904 मे हुआ था।
इस पीढ़ी क़े कंप्यूटर मे इनपुट के लिए पंचकार्ड और स्विचिंग के लिए वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया गया था। जो computer क़े ज्यादा गर्म हो जाने पर वैक्यूम ट्यूब जल्द ही खराब हो जाते थे।
और प्रथम पीढ़ी क़े कप्यूटर क़े आकार भी काफ़ी बड़े होने क़े कारण इसे एसेंबल करने क़े लिए एक बड़े कमरे इतनी जगह लगती थी।
इस कंप्यूटर को चलाने क़े लिए काफ़ी बिजली की खपत होती थी। और computer system भी स्लो work करता था।
सेकंड जनरेशन कंप्यूटर
सेकंड जनरेशन कंप्यूटर सन 1956 से सन 1964 तक क़े कंप्यूटर को माना जाता है। दूसरी पीढ़ी की शुरुआत तब हुई जब वेक्यूम ट्यूब का जगह ट्रांजिस्टर ने ले लिया।
आपकी जानकारी क़े लिए बता दू की ट्रांजिस्टर का अविष्कार सन विलियम शॉकले (William Shockley) ने 1947 में किया था
जो वैक्यूम ट्यूब की तुलना में ट्रंजिस्टर कई गुना बेहतर था। क्योंकि यह fast होने क़े साथ कम बिजली का खपत करता था जिसकी वजह से कंप्यूटर चलना काफ़ी सस्ता हो गया था।
पर हिट की समस्या अब भी बनी हुई थी जिससे कई एयरकंडीशन सिस्टम चलना पड़ता था।
थर्ड जनरेशन कंप्यूटर
थर्ड जनरेशन कंप्यूटर मे सन 1964 से सन 1971 तक क़े computer को लिया गया है। इसकी शुरुआत तब हुई जब ट्रांजिस्टर की जगह IC (Integrated Circuits) ने ले लिए।
तीसरी पीढ़ी मे ट्रांजिस्टर को काफी छोटे आकार मे परिवर्तित कर एक सिलिकॉन चिप्स के अंदर डाला गया और जिसे सेमीकंडक्टर कहा गया।
इस पीढ़ी की कंप्यूटर मे हिट की समस्या काफ़ी हद तक काम हो गई। पर इसे एक अनुकूलित वातावरण की आवश्यकता थी।
तीसरी पीढ़ी मे अब पंच कार्ड और प्रिंटऑउट की जगह मॉनिटर और कीबोर्ड का इस्तेमाल किया जाने लगा। जिसकी वजह से इसका रख रखाव भी काफ़ी आसान हो गया।
और इस पीढ़ी क़े computers क़े लिए पहली बार ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया।
फोर्थ जनरेशन कंप्यूटर – fourth computer generation kya hai in hindi.
फोर्थ जनरेशन कंप्यूटर सन 1971 से सन 1980 तक का माना जाता है। चौथी पीढ़ी की शुरुआत तब हुई जब IC ki जगह माइक्रो प्रोसेसर ने ले लिए।
चौथी पीढ़ी मे ic को एक सिलिकॉन चिप के अंदर मे ही फिट कर दिया गया। उसे LIC (Large Integrated Circuit) कहा जाता है।
लगभग 300000 ट्रांजिस्टरों के बराबर का सर्किट को लगभग एक इंच के चौथाई भाग में लगाया जा सकता था।
इस आविष्कार से पूरी Central Processing Unit (CPU) एक छोटी सी चिप के अंदर फिट की गयी जिसे Micro Processor का नाम दिया गया।
अब माइक्रो प्रोसेसर के प्रयोग से कंप्यूटर क़े आकार इतने छोटे हो गए थे कि इसे आप कहीं पर भी आसानी से रख सकते थे।
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उसके बाद सन 1971 में Intel 4004 चिप डेवलप किया गया और उसके अंदर ही सारे कंपोनेंट को फिक्सकर दिए गए।
और पहली बार सन 1981 मे IBM ने घर पर इस्तेमाल होनेवाला कंप्यूटर सिस्टम तैयार किया।
5th जेनरेशन कंप्यूटर ( वर्तमान से भविष्य )
5th जेनरेशन कंप्यूटर मे वर्तमान की तकनीक और भविष्य मे आने वाले सभी टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है। इसमें मुख्यतः Artificial intelligence को ओर बढ़ावा दिया गया है, जैसे- Quantum calculation, parallel processing और Voice recognition आदि।
अब यह बोलना बिलकुल सही है की पांचवी पीढ़ी क़े computers काफ़ी एडवांस हो चुके है।
पांचवी पीढ़ी क़े कंप्यूटर मे Very Large Scale Integrated Circuit की जगह Ultra Large Scale Integrated Circuit का उपयोग किया जाने लगा।
इस पीढ़ी क़े आने क़े बाद ही data sharing और data आदान प्रदान होना संभव हो पाया है।
जहाँ पहले कंप्यूटर एक जगह स्थित होता था आज इस पीढ़ी मे ही laptop क़े आने से ही computer को एक बैग मे रखकर कही ले जाना संभव हो पाया है।
इस पीढ़ी क़े computer का उपयोग हर जगह हो रहा है जैसे – बैंकिंग , रिसर्च सेंटर, स्कूल कॉलेज आदि।
Computer generation क़े फायदे क्या है।
दोस्तों वैसे तों computer generation क़े बहुत सारे फायदे है। जिनमे कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण है। जैसे old computer generation मे कोई दिकत है तों उसे अगली पीढ़ी मे सही कर लिए जाती है।
और आप खुद भी सोच सकते है जहाँ पहले कोई first generation computer को इस्तेमाल करने क़े बारे मे सोचा भी नहीं होगा।
आज वही पांचवी जनरेशन आते आते computer लगभग हर घर तक पहुंच गया है। और new generation computer क़े कारण ही आज हम बहुत तेजी से कंप्यूटर पर work कर पाते है। जो old computer generation क़े साथ संभव नहीं था।
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FAQS
कंप्यूटर जनरेशन क्या होता है.
Computer generation information – कंप्यूटर जेनरेशन computer मे होने वाले महत्वपूर्ण टेक्निकल बदलाव पर आधारित होते है। जो समय क़े साथ बदलते रहते है। यही कंप्यूटर मे हुए बड़ी चेंजस को computer generation ya पीढ़ी क़े नाम से जाना जाता है।
Computer generation की शुरुआत सन 1940 से हुई। और इसकी हर एक पीढ़ी मे कुछ न कुछ महत्वपूर्ण टेक्निकल विकास किये गए।
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