Short story in hindi with moral kahani for kids– कहानियाँ केवल बच्चों की मनोरंजन तक ही सिमित नहीं है small moral stories बच्चों को नैतिकता भी सिखाती है यहाँ पर बच्चों को कहानियाँ से मनोरंजन के साथ उन्हें अच्छे सिख भी मिलता है.
इसलिए बच्चे भी इन कहानियो को को बढे प्यार के साथ सुनते है और समझते है और इन्हे अपनाते भी है.
ऐसे ही Inspiring Short Story in Hindi के लिए और अच्छी सिख अपने बच्चों को देने के आप यहाँ दिए गए Hindi Short Stories को जरूर सुनाये. शॉर्ट स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी
इसलिए shortstorieshindi.org सभी बच्चों के लिए लाया है 601+ short stories in hindi with moral story for kids , बच्चों के लिए नैतिकता की शिख. कहानी इन हिंदी बच्चों के लिए
#1. साहसी हाथी – very short moral story in hindi
#2. जंगल का राजा | small short moral stories in hindi
#3. नटखट बंदर | Naughty monkey short story in hindi
#4.नन्हा लाल का गुब्बारा | very short moral story in hindi
#5. जादुई तलाब | small stories in hindi
#6. जादुई गुलाबी घड़ा hindi short story in hindi
#7. चींटी और टिड्डा | hindi short story
#8. गाय और उसका बछड़ा hindi short stories
#9. मोर और कौआ hindi short stories
#10. खरगोश और कछुआ – hindi story for kids
#11. सात रंगों का पुल – story for kids in hindi
#12. मिट्टी के दीपक – moral stories in hindi
#13. जादुई कछुआ और सुनहरी तालाब – story in hindi for kids
#14. रानी की रहस्यमयी यात्रा | Story in hindi moral for kids.
#15. गुलाब और कांटे | Gulab aur kaante hindi story with moral
#16. लालची कुत्ता | Greedy dog small story in hindi with moral
#17. शेर और चूहा | The Lion and the Mouse | kids story in hindi
#18. चतुर बंदर और मगरमच्छ | Clever monkey and crocodile stories for kids in hindi
#19. सच्चाई का पुरस्कार | Small hindi moral stories
#20. तीन मित्र और सोने की ईंट | Very small stories in hindi written for kids
#21. सच्चे मित्र | hindi short stories for kids
#22. चतुर खरगोश और भूखा शेर | hindi kids story
#23. सच बोलने वाली राजकुमारी | hindi story for kids in hindi
#24. नन्हा तितली और बड़ा आसमान | हिंदी कहानियाँ | Small hindi story in hindi
#25. सपनों का शहर | Story in city of dreams hindi story for kids in hindi
26. दोस्ताना हाथी और चींटी | simple story in hindi for kids
#27. The King’s Unique Court hindi story with moral
#28. चालाक लोमड़ी और भोला कौवा – short story in hindi for kids
एक गांव में एक चालाक लोमड़ी और उसका दोस्त, भोला कौवा रहते थे। लोमड़ी हमेशा नए–नए चाल चलती और किसी न किसी तरीके से अपने फायदे की सोचती रहती थी,
जबकि कौवा बहुत ही सीधा–सादा और भोला था। लोमड़ी ने हमेशा कौवे को अपनी चालों में पर्याप्त बाहरी बादल बनाया रखते थे।
एक दिन, गांव में एक बड़ा मेला लगा। लोग उसमें अपनी वस्तुओं को बेचने और खरीदने आए थे। लोमड़ी ने इसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करने का प्लान बनाया। वह भोले कौवे को लेकर मेले में पहुंची और उसे दिखाने लगी कि कैसे वह एक सामान को दो–तीन बार खरीदकर उसे दो–तीन बार बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकती है।
कौवा ने लोमड़ी की चाल को समझ लिया और उसने भी वही किया। उसने एक सामान को कुछ बार खरीदकर और फिर उसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया।
लोग उसकी मजबूती पर विश्वास करने लगे और वह उसका सामान ज्यादा खरीदने लगे।
लोमड़ी को देखकर खुशी हुई कि उसका प्लान कामयाब हो रहा है, लेकिन फिर भी उसने देखा कि कौवा किसी और से मिलकर एक और चाल चल रहा है।
कौवा एक जुआ खेल रहा था, जिसमें उसके साथी उसे जीतने के लिए बहुत सारी खास वस्तुएं गर्म कर देते थे। लोमड़ी ने उसकी चाल को समझ लिया और उसने भी उसके साथ गेम खेलने का निर्णय किया।
जुआ खेलने के बाद, लोमड़ी ने कौवे से अपनी सभी वस्तुएं हार जाने का बोला और कहा कि वह अब भी उसके साथी है। कौवा ने स्वीकार कर लिया और उसने अपनी चाल का प्लान खोल दिया।
लोग चौंक गए कि कौवा ने उन्हें कैसे धोखा दिया, लेकिन उसके साथी को यह बिल्कुल भी अजीब नहीं लगा। वे उसे अच्छे से जानते थे और जानते थे कि वह हमेशा सीधा और ईमानदार रहता है।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चालाकी और धोखाधड़ी से कितना भी लाभ हो, लेकिन अच्छाई और सच्चाई की हीमत कभी नहीं होनी चाहिए। भोला कौवा ने अपनी सच्चाई और ईमानदारी की बदौलत लोगों के दिलों में स्थान बनाया, जबकि चालाक लोमड़ी की चालें उसे तारीफ तो दिलवा सकती थी, लेकिन उसका दिल नहीं जीत सकती थी।
#29. दोस्ती की महत्ता – Very short story in hindi with moral for kids
एक गाँव में राम और श्याम नामक दो बच्चे रहते थे। राम और श्याम की दोस्ती बचपन से शुरू हुई थी।
वे हमेशा एक–दूसरे के साथ खेलते, पढ़ाई करते और मिलकर जीवन के हर मोड़ पर साथ चलते थे। उनकी दोस्ती में कोई शक नहीं था।
एक दिन, गर्मियों की छुट्टियां थीं। राम और श्याम ने सोचा कि उन्हें अपने गाँव के बाहर घूमने चलना चाहिए। उन्होंने तय किया कि वे एक बड़े झील के पास घूमने जाएंगे।
झील के पास पहुँचकर, वे देखा कि कुछ बच्चे एक पतंग उड़ा रहे हैं। राम और श्याम ने भी पतंग उड़ाने का मन बनाया। उन्होंने एक पतंग खरीदी और उसे उड़ाने लगे।
पर दोनों की पतंग उड़ाने का मजा कुछ और ही था। वे झील के किनारे बैठकर बातें करते रहते और हंसते–खेलते रहते। उन्होंने एक–दूसरे के साथ अपने दिल की बातें शेयर कीं और एक–दूसरे का साथ दिया।
समय के साथ, रात आ गई और उन्हें घर लौटना पड़ा। वे घर लौटकर भी दोस्ती के पल को याद करते रहे। उन्होंने एक–दूसरे का हाथ थामा और कहा, “हमेशा ऐसे ही साथ चलेंगे, जैसे आज उड़े थे।“
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अच्छी दोस्ती में विश्वास और साथीत्व की महत्ता होती है। दोस्ती हमें खुशियों के पलों को अनुभव करने का मौका देती है और हमें हर मुश्किल में साथ देने की सामर्थ्य प्रदान करती है।
#30. ईमानदार लकड़हारा – Small Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में एक लकड़हारा रहता था। वह बहुत ही ईमानदार और मेहनती था। हर दिन वह जंगल से लकड़ी लाकर गाँव में बेचता था।
लोग उस पर बहुत भरोसा करते थे क्योंकि उसने कभी झूठ नहीं बोला और हमेशा उन्हें अच्छी गुणवत्ता की लकड़ी बेचता था।
एक दिन, लकड़हारे ने अपने दोस्त से समझौता करके अच्छी गुणवत्ता की एक खास लकड़ी की खरीद की। उसने सोचा कि वह इस लकड़ी को ज्यादा मूल्य में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
लेकिन जब लकड़हारे ने उस लकड़ी को बाजार में बेचने की कोशिश की, तो कोई भी उसे उसके मूल्य में नहीं खरीदना चाहता था।
वे सभी उसे धोखा समझकर उसे अधिक रकम में खरीदने से इनकार कर दिया।
लकड़हारा बहुत दुखी हुआ और वह अपने दोस्त से बोला, “मैंने इस लकड़ी की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं की फिर भी मुझे उसका सही मूल्य नहीं मिला।“
उसका दोस्त ने उसे समझाया, “दोस्तों, ईमानदारी हमेशा से सबसे बड़ी धनी होती है। आपने अपने आप को ईमानदार साबित किया है, जो कोई पैसे से नहीं खरीद सकता।
अगली बार भी अपनी ईमानदारी बरकरार रखें, आपका वक्त जरूर आएगा।“
कहानी की सीख
लकड़हारा ने अपने दोस्त की बात मानी और वह अपनी मेहनत और ईमानदारी में हमेशा विश्वास रखता रहा। उसका वक्त जल्द ही आया और उसने अपने आप को साबित किया कि ईमानदारी से कमाई हमेशा सफलता की ओर ले जाती है।
#31. गुलाबी बिल्ली – Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में एक छोटी सी गुलाबी बिल्ली रहती थी। वह बहुत ही प्यारी और मस्तिष्कस्थ थी। लोग उसे देखकर अक्सर उसकी खूबसूरती पर मोहित हो जाते थे।
एक दिन, गाँव में एक अजीब बीमारी फैल गई। लोगों की आंखों में लाल और पीले दाग लगने लगे। उनकी आंखें भी दर्द करने लगी। गाँव के लोग बहुत परेशान हो गए और उन्होंने वैद्य से मदद मांगी।
वैद्य ने बताया कि यह बीमारी एक किटाणु से फैल रही है और इसका उपचार जल्दी से करना चाहिए।
वैद्य ने लोगों को बताया कि वे अपनी आंखों को साफ और सुचारु रखें और सभी सामान को धोकर उसे साफ करें।
गाँव की बच्चों में भी यह समस्या थी। छोटी गुलाबी बिल्ली ने देखा कि उनके दोस्त भी परेशान हैं। उसने सोचा कि वह भी उनकी मदद कर सकती है।
गुलाबी बिल्ली ने देखा कि उसके पास एक विशेष शक्ति है। जब वह छूती है, तो उसकी पंखुड़ियां चमक उठती हैं।
वह अपनी चमकीली पंखुड़ियों से सभी बच्चों की आंखें साफ कर देती थी।
कहानी की सीख
गाँव की बच्चों की आंखें साफ हो गईं और उन्हें दर्द भी कम हो गया। लोगों ने गुलाबी बिल्ली की मदद के लिए उसे बहुत सारा प्यार और स्नेह दिया। उन्होंने समझा कि हमेशा अच्छाई करने से ही हमें अच्छा मिलता है।
#32. बंदर और मगरमच्छ – Very small Short story in hindi with moral kahani for kids
एक जंगल में एक बंदर और एक मगरमच्छ रहते थे। बंदर बहुत ही चालाक था और वह हमेशा मजाक बनाने में लगा रहता था। एक दिन, बंदर को खाने की तलाश थी और उसने एक बड़े पेड़ की ओर देखा।
उस पेड़ पर बहुत सारे स्वादिष्ट फल थे, लेकिन वो पहुंचने में असमर्थ था।
बंदर ने सोचा कि वह अकेला नहीं पहुंच सकेगा, इसलिए उसने मगरमच्छ से मदद मांगने का फैसला किया। मगरमच्छ ने बंदर की मदद करने से पहले उससे एक शर्त रखी।
उसने कहा, “मैं तुम्हारी मदद करूँगा, लेकिन तुम्हें मुझे उस फल का आधा हिस्सा देना होगा जो तुम पा रहे हो।”
बंदर ने तुरंत हाँ कर दी। मगरमच्छ ने बंदर को उस पेड़ पर उठाया और उसने फल तक पहुंचने में मदद की। बंदर ने फल खाया और मगरमच्छ को उसका आधा हिस्सा दिया।
इसके बाद, बंदर ने फिर से उसी पेड़ पर चढ़कर और अधिक फलों को खोजा। मगरमच्छ ने उसकी मदद की और उसे और भी बहुत सारे फल मिले।
बंदर ने उसे सभी फलों का आधा हिस्सा दिया।
इसके बाद, बंदर और मगरमच्छ एक साथ मिलकर फल खाने लगे। बंदर ने मगरमच्छ को धन्यवाद दिया क्योंकि उसकी मदद से उसने अपनी भूख मिटाई।
मगरमच्छ भी खुश था क्योंकि उसने भी फल पाया था जिसका उसे कभी सपना भी नहीं था।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हमें भी उससे बहुत सारा लाभ मिलता है। इसलिए, हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए और उनके साथ उनकी खुशियों को बाँटना चाहिए।
#33.चुहिया और लोमड़ी – Small Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में एक चुहिया और एक लोमड़ी रहते थे। वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। चुहिया की एक खासियत थी, वह हमेशा सच और ईमानदारी से बात करती थी।
लेकिन लोमड़ी थोड़ी चालाक थी और कभी-कभी वह छल करके अपना काम बना लेती थी।
एक दिन, चुहिया ने लोमड़ी से कहा, “मेरे पास एक बहुत ही सुंदर नदी है, और उसके किनारे एक बड़ी सी खुशबू फैली हुई है। मुझे लगता है कि हमें उसे देखने चलना चाहिए।”
लोमड़ी ने चुहिया की बात सुनी और वह भी खुश हो गई। वे दोनों मिलकर नदी की ओर चले गए। रास्ते में, लोमड़ी ने सोचा,
“चुहिया मुझसे झूठ बोलकर मुझे इस खूबसूरत नदी के पास ले आई है। मैं इसका फायदा उठा सकता हूँ।”
नदी के पास पहुंचते ही, लोमड़ी ने चुहिया से कहा, “तुम्हारी बात सही नहीं थी। यहाँ कोई खुशबू नहीं है, और यह नदी भी बहुत गंदी है।” लोमड़ी ने चुहिया को धोखा दिया।
चुहिया ने बहुत दुखी होकर लोमड़ी से कहा, “तुमने मुझे धोखा दिया। तुमने मेरा भरोसा टूटा है।” लोमड़ी ने कहा,
“मुझे खेद है, लेकिन मैं अब कुछ नहीं कर सकता।” चुहिया ने उससे दोस्ती तोड़ दी।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें किसी को धोखा देना नहीं चाहिए। धोखा देना अच्छा नहीं होता, और यह हमें अच्छे इंसान बनने से रोकता है। हमें हमेशा सच और ईमानदारी से जीना चाहिए, ताकि हमारे दोस्त हमेशा हमारे साथ हों और हमें उनसे सहायता मिलती रहे।
#34. बिल्ली की सफाई – Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में एक बिल्ली रहती थी। वह एक पुराने और छोटे से घर में रहती थी। उसे अपने आसपास की सफाई करने में खास रुचि थी। वह हर दिन अपने घर को साफ़ सुथरा रखती थी।
एक दिन, बिल्ली ने अपने घर को और भी खूबसूरत बनाने का निर्णय लिया। उसने सोचा, “मेरे घर को और भी सुंदर बनाने से मुझे और भी खुशी मिलेगी।
” उसने एक पंखुड़ी से पानी भरकर और एक झाड़ू–पोंछा लेकर घर की सफाई शुरू की।
बिल्ली ने सबसे पहले अपने घर के दरवाज़े को साफ़ किया। फिर उसने घर के अंदर की सभी चीज़ों को ध्यान से साफ़ किया।
वह हर कोने को साफ़ करते हुए बहुत खुश थी।
बिल्ली ने अपने घर की सफाई करते हुए एक छोटी सी चिड़ी को देखा। चिड़ी ने उससे कहा, “तुम इतनी सफाई क्यों कर रही हो? इससे तुम्हें कोई फ़ायदा नहीं होगा।“
बिल्ली ने हंसते हुए कहा, “मुझे सफाई करने में खुशी मिलती है। मेरे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है कि कोई फ़ायदा हो या न हो।“
बिल्ली ने अपनी सफाई जारी रखी और अंत में उसने अपने घर की छत को साफ़ किया। जब उसने अपने काम को पूरा कर लिया,
तो उसने एक बड़ी मिठाई खाकर अपनी मेहनत की सराहना की।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने आसपास की सफाई करनी चाहिए। सफाई करना हमारे और हमारे परिवार के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हमें यह भी सीखने को मिलता है कि हमें अपने काम के लिए खुशी से करना चाहिए, चाहे फ़ायदा हो या न हो।
#35. बाल मित्र – Hindi Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में रामु नाम का एक छोटा सा लड़का रहता था। वह बहुत ही सरल और आदर्शवादी बच्चा था। उसकी मित्रता और दोस्तों के प्रति समर्पण उसकी सबसे बड़ी खूबी थी।
उसके गाँव में उसके जैसा कोई और नहीं था।
एक दिन, रामु को एक नया बच्चा अपने गाँव में आया था। उसका नाम श्याम था। श्याम भी बहुत ही सरल और मिलनसार बच्चा था। रामु ने श्याम को अपना दोस्त बनाने का निर्णय लिया।
दोनों बच्चे एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वे हमेशा एक-दूसरे की मदद करते और साथ में खेलते थे। उनकी मित्रता बहुत ही गहरी थी।
एक दिन, गाँव में एक मेला लगा था। रामु और श्याम ने मिलकर मेले में जाने का फैसला किया। मेले में वे बहुत सारे खिलौने देखकर खुश हो गए। उन्होंने कुछ खिलौने खरीदे और उनके साथ खेलने लगे।
मेले में एक नदी भी थी। वहां पर बच्चों को नाव भी दी जाती थी। रामु और श्याम ने भी नाव में बैठकर नदी में सैर का आनंद लिया। वे बहुत मज़े से नाव चलाते और नदी की सुंदरता का आनंद लेते।
जब वे नाव से उतरकर वापस लौट रहे थे, तो एक चुटकुला सा घटना हुआ। श्याम नाव से उतरते समय गिर गया और नदी में गिरगिट की तरह दिखाई देने लगा।
रामु ने उसे देखकर हंसी में भरकर कहा, “ओह, तुम गिरगिट बन गए!” श्याम ने भी हंसते हुए कहा, “हाँ, मुझे भी वैसा ही लग रहा है।”
दोनों बच्चे हंसते हुए घर की ओर बढ़ने लगे। उनकी मित्रता और प्यार ने उनके दिल को जीत लिया था। रामु और श्याम की यह मित्रता हमेशा बनी रहे।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मित्रता का महत्व समझना चाहिए। हमें हमेशा अपने दोस्तों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए
#36. अकेला भूत – Moral hindi story for kids
एक बड़े से गाँव में एक भूत रहता था। वह भूत अकेला था और उसे यह बहुत पसंद नहीं था।
वह हमेशा दुसरे भूतों की तलाश में रहता था, लेकिन कोई भी उसके साथ नहीं रहना चाहता था।
एक दिन, भूत ने देखा कि गाँव में एक नया भूत आया है। वह भूत भी अकेला ही था।
भूत ने उस नए भूत के पास जाकर कहा, “हैलो, मैं भी एक भूत हूँ। क्या आप मेरे साथ रहना चाहेंगे?”
नया भूत बहुत खुश हुआ और उसने सहमति दे दी। दोनों भूत अब साथ में रहने लगे। वे हमेशा एक–दूसरे की मदद करते और साथ में खेलते थे।
जब भूत और नया भूत साथ रहने लगे, तो उनकी जिंदगी में बहुत सारी बदलाव आया। अब उन्हें अकेलापन का दर्द नहीं होता था।
वे एक–दूसरे के साथ हर समस्या का सामना करते और उसे हल करते।
एक दिन, गाँव में एक बड़ा समस्या आई। गाँव के लोग बहुत परेशान थे और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा था। भूत और नया भूत ने मिलकर गाँव वालों की मदद की।
उन्होंने एक साथ काम करके समस्या का समाधान किया और गाँव के लोगों की मदद की।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मित्रता का महत्व समझना चाहिए। हमें हमेशा अपने दोस्तों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए
#37. चालाक चिड़िया की कहानी – Kids Short story in hindi with moral kahani for kids
एक जंगल में बहुत सारी चिड़ियाँ रहती थीं। उनमें से एक चिड़िया थी जिसे सब ‘चालाक चिड़िया’ कहते थे। वह बहुत ही बुद्धिमान और चालाक थी।
चालाक चिड़िया का जंगल में प्रतिष्ठान था क्योंकि वह हमेशा ही कुछ नया करने के लिए तैयार रहती थी।
एक दिन, चालाक चिड़िया जंगल में फिर से कुछ नया करने के लिए निकली।
वह देखती है कि जंगल के एक कोने में एक बड़ा सा पेड़ खड़ा है। पेड़ पर बहुत सारे अंडे लटके हुए हैं। वह जाकर उनमें से एक अंडा चुरा लेती है।
चालाक चिड़िया उस अंडे को धीरे-धीरे अपने घोसले में ले जाती है।
वह ध्यान से उस अंडे को अपने अंडे के पास रखती है और उसे अपनी गर्मी से गर्म रखती है।
कुछ हफ्ते बाद, अंडे से एक नन्हा सा बच्चा निकलता है। चालाक चिड़िया बच्चे को बड़ी चिड़ियाओं की तरह पालती है और उसे सिखाती है कि जंगल में जीवन कैसे जीता जाता है।
वह बच्चा भी बहुत ही चालाक होता है और उसकी माँ की तरह कुछ नया करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। जब वह बड़ा हो जाता है, तो उसने भी अपनी माँ की तरह जंगल में अपनी जगह बना ली।
उसने भी अपने जीवन में बहुत सारे चालाकियाँ की और जंगल के सभी पशु-पक्षियों के दिलों में अपनी पहचान बना ली।
कहानी की सीख
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हर व्यक्ति में कुछ न कुछ अद्वितीय और अनूठा होता है, जिसे वह अपनी जीवन में उपयोगी बना सकता है। चालाक चिड़िया की कहानी हमें यह भी दिखाती है कि हर किसी की मेहनत और बुद्धिमत्ता का सम्मान करना चाहिए।
#38. लोमड़ी और अंगूर – Short story in hindi with moral kahani for kids
एक समय की बात है, एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी। एक दिन, लोमड़ी जंगल में खाने की तलाश में घूम रही थी।
बहुत देर तक इधर–उधर भटकने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिला। भूख के कारण उसकी हालत खराब हो रही थी।
अचानक, लोमड़ी की नजर एक अंगूर की बेल पर पड़ी, जो एक ऊँचे पेड़ की डालियों से लटकी हुई थी। बेल पर रसीले और पके हुए अंगूरों के गुच्छे लटके हुए थे।
अंगूर देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया और उसने सोचा, “अगर मैं इन अंगूरों को खा लूं, तो मेरी भूख मिट जाएगी।“
लोमड़ी ने अंगूरों को पाने के लिए ऊँचाई की ओर छलांग लगाई, लेकिन वह अंगूरों तक नहीं पहुँच सकी। उसने फिर से कोशिश की और और भी ऊँचा कूदने की कोशिश की, लेकिन वह फिर से नाकाम रही।
लोमड़ी बार–बार ऊँचाई की ओर छलांग लगाती रही, लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी।
अंत में, लोमड़ी ने हार मान ली। उसने अंगूरों को देखते हुए कहा, “ये अंगूर खट्टे हैं। मुझे इन्हें खाने की जरूरत नहीं है।
” ऐसा कहकर लोमड़ी वहाँ से चली गई। उसने अपनी असफलता को स्वीकार नहीं किया और खुद को दिलासा देने के लिए अंगूरों को खट्टा बता दिया।
लेकिन सच यह था कि लोमड़ी ने प्रयास तो किया था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। उसने अपनी असफलता को स्वीकार करने की बजाय बहाना बना लिया।
लोमड़ी की इस हरकत को देखकर जंगल के अन्य जानवरों ने सीखा कि असफलता को स्वीकार करना और दुबारा कोशिश करना ही सही तरीका होता है।
कहानी की सीख
अगर हम किसी चीज़ में असफल होते हैं, तो उसे बहाना बनाकर नहीं टालना चाहिए। हमें अपनी असफलता को स्वीकार करके, दुबारा कोशिश करनी चाहिए और सही दिशा में मेहनत करनी चाहिए।
#39. छोटा और बड़ा – Small Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में छोटा और बड़ा नामक दो बच्चे रहते थे। छोटा बड़े से कहीं ज्यादा छोटा था, लेकिन उसकी उत्साही और मस्तिष्क थी। बड़ा हमेशा उसे छोटा समझकर उसके साथ मजाक उड़ाता था।
एक दिन, दोनों को एक चुड़ैल का डर लग गया। वे चुड़ैल के घर के पास से गुजर रहे थे। छोटा डर के मारे दौड़ने लगा, लेकिन बड़ा शांत रहकर चुड़ैल के घर की तरफ बढ़ता रहा।
छोटा डर के मारे भागते हुए एक पेड़ के पास पहुंचा और वहां चुपचाप बैठ गया। जब उसने देखा कि बड़ा वहां आ रहा है, तो वह उसे डरा कर खुश होने लगा।
बड़ा आकर बोला, “छोटा, तुम्हें चुड़ैल से क्यों डर लग रहा था? वह तो सिर्फ एक कथा है। हमें किसी भी चीज़ से नहीं डरना चाहिए।”
छोटा ने कहा, “पर वह चुड़ैल सच में है और हमें उससे बचना चाहिए।”
बड़ा मुस्कराया और बोला, “छोटा, वह चुड़ैल नहीं है, वह सिर्फ एक पुरानी कहानी है। हमें अपनी नयी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।”
छोटा ने इस बात को समझा और उसने अपने डर को परेशानी मान कर उसके साथ खेलना शुरू किया। उसने देखा कि चुड़ैल का डर सिर्फ उसके विचारों में ही था।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपने डर को परेशानी मानकर उससे निपटना चाहिए। हमें अपनी सोच को बदलकर और नये दृष्टिकोण से दुनिया को देखना चाहिए।
#40. गाय और सियार – Very Short story in hindi with moral kahani for kids
गाय और सियार एक जंगल में दोस्त थे। वे हमेशा साथ रहते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे।
गाय बड़ी ही मेहनती और ईमानदार थी, जबकि सियार थोड़ा चालाक और शरारती था।
एक दिन, गाय ने सोचा कि वह और सियार मिलकर एक बड़ा घर बनाएंगे।
उन्होंने मिलकर मेहनत से काम किया और बहुत ही सुंदर और मज़ेदार घर बनाया। गाय ने अपने हिस्से की मेहनत से गर्मी में चारे और पानी लाकर रखा, जबकि सियार ने बहुत ही तेजी से काम करके घर की सजावट की।
जब घर बन गया, तो गाय और सियार ने तय किया कि वे एक-दूसरे को पहले दिखाएंगे। गाय ने अपने हिस्से का काम दिखाया, जिससे सियार को बहुत खुशी हुई।
फिर सियार ने अपने हिस्से की सजावट दिखाई और गाय ने भी उसे बहुत सराहा।
इसके बाद, गाय और सियार ने मिलकर घर के अंदर बैठकर आराम किया। उन्होंने एक-दूसरे को धन्यवाद दिया कि वे मिलकर इतना सुंदर और मज़ेदार घर बना सके।
उनकी मेहनत, समर्पण और साझेदारी ने उन्हें इस कामयाबी तक पहुँचाया।
कहानी की सीख
टीमवर्क और सहयोग में ही सफलता की कुंजी होती है। जब हम मिलकर मेहनत करते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो हमें सफलता जरूर मिलती है।
#41. बुद्धिमान चींटी – Small Short story in hindi with moral kahani for kids
एक गाँव में एक बुद्धिमान चींटी रहती थी जिसका नाम चीटू था। चीटू बहुत ही मेहनती और चतुर था। एक दिन, उसके घर के पास एक बड़ी रेत का टिला बना।
चीटू ने देखा कि टिले के अंदर से एक खुली जगह से बाहर आने-जाने का रास्ता है।
चीटू ने सोचा कि इस टिले को अपना घर बना लेना चाहिए क्योंकि यह एक सुरक्षित और सुखद जगह थी।
उसने मेहनत करके टिले को अपना घर बना लिया और उसमें रहने लगा।
कुछ दिनों बाद, एक बारिश आई और टिला भीगने लगा। दूसरे जीवों के लिए यह अच्छा नहीं था, लेकिन चीटू ने एक छत बनाने का निर्णय लिया।
उसने कुछ छोटे पत्थर और पेड़ के टुकड़े इकट्ठे करके टिले के ऊपर एक छत बना दी।
बारिश के बाद, टिला सुख गया और चीटू की छत से बचने वाले जीवों को भी उसकी मदद मिली।
उनकी यह मेहनत और बुद्धिमानी ने उसे और भी प्रसिद्ध बना दिया और उसे जीवन में सफलता प्राप्त हुई।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हर परिस्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और मेहनत के साथ काम करना चाहिए। चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें अपने बुद्धिमानी का उपयोग करना चाहिए।
#42. बिल्ली और चूहा की मित्रता – Chhoti hindi kahaniya
एक गाँव में एक बिल्ली और एक चूहा रहते थे। वे दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। एक दिन, जब बिल्ली और चूहा गाँव के बाहर खेल रहे थे,
तभी एक बड़ा सांप उनके पास आया। सांप बहुत खतरनाक दिख रहा था।
बिल्ली और चूहा ने देखा कि सांप ने एक अंडा चुराया है और अब वह उसे खा रहा है। वे दोनों मिलकर उस सांप को भगाने का प्रयास करने लगे।
उन्होंने एक योजना बनाया और सांप को धोखा देकर उसके हाथ से अंडा वापस ले लिया।
सांप बहुत ही नाराज था और उसने बिल्ली और चूहे को धमकी दी। लेकिन बिल्ली और चूहा ने मिलकर उसे धमकी का जवाब दिया और उसे दूर भगा दिया।
इसके बाद से, बिल्ली, चूहा, और सांप के बीच एक समझौता हुआ। सांप ने वादा किया कि वह कभी भी उनकी तकलीफ नहीं देगा और उसने अंडा लौटाया।
तब से वे तीनों एक-दूसरे के साथ खुशहाली से रह रहे हैं।
इसे भी पढ़े
Story Of Humanity In Hindi – कहानी इंसानियत की
Magical Fairy Tales: Jadui Pari Ki Kahani in Hindi
Best Hindi Short Story: Must-Read – प्रमुख कहानियाँ और कहानिकार
करन की सच्ची छोटी कहानी हिंदी मे – पूर्वजो का छिपाया खजाना
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जितना हम एक-दूसरे की मदद करते हैं, उतना ही हमारा जीवन खुशहाल और सुरक्षित बनता है।
#43. भालू और मेंढ़क की मित्रता – Short story in hindi with moral kahani for kids
एक जंगल में एक बड़ा सा भालू रहता था जिसका नाम बलू था। वह बहुत ही भोला और अच्छा दिलवाला था। एक दिन, उसने एक छोटे से मेंढ़क को अपने पास आते देखा।
मेंढ़क बहुत ही डरपोक और शर्मीला था।
बलू ने मेंढ़क से पूछा, “तुम इतने डरपोक क्यों हो? क्या तुम्हें कोई समस्या है?” मेंढ़क ने डर से भरी आँखों से कहा,
“हाँ, मुझे भूख लगी है लेकिन मैं डरती हूँ कि भालू मुझे खा न जाएगा।” बलू ने हंसते हुए कहा, “कोई बात नहीं, मैं तुम्हें कुछ खाने का इंतजाम कर सकता हूँ।”
बलू ने मेंढ़क को खाना दिया और दोनों ने एक साथ मिलकर मज़े किए। उसके बाद से, वे दोनों अच्छे दोस्त बन गए। वे हमेशा एक-दूसरे की मदद करते और साथ में खेलते रहते।
एक दिन, जब जंगल में एक जंगली आग लग गई, तो बलू और मेंढ़क ने मिलकर उसकी रोकथाम की और जंगल के अन्य जानवरों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।
उनकी यह मित्रता उन्हें जंगल की सभी मुश्किलों का सामना करने में मदद करती रही।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सहायता करना और दूसरों की मदद करना हमें सच्चे और गहरे दोस्त बना सकता है।
FAQ
hindi story for kids kya hai?
hindi story for kids बच्चों के लिए कहानियाँ होती है जो उनके मानसिक विकाश के लिए उन्हें मदद करती है. इन कहानियो से बच्चों के मनोरंजन के साथ उन्हें नैतिक सीख भी मिलती है. शॉर्ट स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी.
short story in hindi for nursery?
short story in hindi for nursery – kahaniya nursery के बच्चे के लिए बेहद ही अच्छी है. उन्हें ये कहानी जरूर सुनाये. क्योंकि कहानियाँ बच्चे के मनोरंजन के साथ उन्हें जयंवर्धक बाते भी सिखाती है.